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काम तो बहुत बड़े-बड़े किए हैं मैंने

काम तो बहुत बड़े-बड़े किए हैं मैंने
पर सब अधूरे ही किए हैं
जो हुआ उसे स्वीकार किया मैंने
कभी किसी से गिले नहीं किए हैं
जो होना था वह हो भी चुका है
फिर यह उम्मीद किस लिए है
मुझे जो चाहिए उसके लिए एक दिन काफी है
 यह सारी जिंदगी किस लिए हैं
जब ईश्वर सबसे सरल और कृपालु है
फिर भी इतनी दिक्कत किस लिए है
तुम कब तक करोगे  कल्पनाओ पर यकीन
यह हकीकत की समझ किस लिए हैं

शुभ संध्या
मेरे सभी मित्रों

#chetanshrikrishna

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11 Comments

Suryansh

08-Sep-2022 11:00 PM

खूबसूरत रचना

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Superve Excellent Outstanding

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Seema Priyadarshini sahay

26-Jul-2022 09:13 PM

बेहतरीन रचना

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